indiBooks को साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय देने के लिए भा. रा. कडू जी आपका धन्यवाद करते हैं। भा. रा. कडू जी का मूल नाम भाऊसाहेब रामभाऊ कडू है। लेखक पेशे से एक शिक्षक व मराठी साहित्यकार हैं और महाराष्ट्र जिला अहमदनगर में निवासरत हैं। indiBooks को दिए गए साक्षात्कार में भा. रा. कडू जी ने अपनी साहित्यिक यात्रा को हमारे साथ शेयर किया। लेखक मूल रूप से मराठी भाषाई हैं, लेकिन हमारे अनुरोध पर उन्होंने हिन्दी में साक्षात्कार देने का प्रयास किया है, जिसके लिए हम आपका तहेदिल से आभार करते हैं। आशा करते हैं कि पाठकों को भा. रा. कडू जी का साक्षात्कार पसंद आएगा। साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं-
indiBooks : आपकी पहली पुस्तक पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है, उसके बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?
भा. रा. कडू : मेरा एक कविता संग्रह ‘एक धागा’ पिछले दिनों ही तनीशा पब्लिशर्स (प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की एक यूनिट) के माध्यम से प्रकाशित हुई है। बहुत ही कम समय और कम दाम में बढ़िया कागज और डिजाइन किया। मैं इनके कार्य से बहुत संतुष्ट हूँ और मेरी तीन अन्य किताबे भी इन्हें ही प्रकाशन के लिए दे चुका हूँ।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?
भा. रा. कडू : फेसबुक पेज पर प्रसारित जाहिरात देखकर मैंने भी अपनी किताब प्रकाशित करने का मन बनाया।
indiBooks : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?
भा. रा. कडू : मेरे पास काफी रचनाएं अप्रकाशित थी, जिन्हें मैने एकत्र किया और प्रकाशक को भेज दिया। मैंने सभी रचनाओं की एक वर्ड फाईल बनाकर भेज दी और बाकी का सब काम प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने किया। जिससे मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
indiBooks : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं?
भा. रा. कडू : मेरी पहली किताब ‘झालर’ कविता संग्रह हैं। जो 2019 में मैंने खुद प्रकाशित की थी। इसमें वे सभी कविताएं है, जिन्हें मैं बचपन से लिख रहा हूँ।
indiBooks : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?
भा. रा. कडू : मेरे प्रथम काव्य संग्रह की कविता ‘झालर’ को सबसे ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?
भा. रा. कडू : मेरे साहित्य सृजन या पुस्तक को तैयार करते समय मेरी पत्नी का सबसे अधिक सहयोग प्राप्त होता है।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, साहित्य जगत से अब तक आपको कितनी उपलब्धियाँ / सम्मान प्राप्त हो चुके हैं? क्या उनकी जानकारी देना चाहेंगें?
भा. रा. कडू : साहित्य के लिए मुझे अब तक चार सम्मान प्राप्त हुए हैं। अब उनकी क्या जानकारी दें, हाँ, इतना कहूंगा कि ये सम्मान मेरे लिए बहुत खास हैं।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, आप सबसे ज्यादा लेखन किस विद्या में करतें है? और क्या इस विद्या में लिखना आसान है?
भा. रा. कडू : मैं सभी विधाओं में लिख लेता हूँ, लेकिन सिर्फ मराठी भाषा में ही लिखना पसंद है, क्योंकि मराठी मेरी मूल भाषा है और उसमें मैं बेहतर कार्य कर सकता हूँ।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?
भा. रा. कडू : अपने शिक्षण कार्य और घर के कार्यो से जब भी समय मिलता है, तो उसे साहित्य सृजन में लगा देता हूँ।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?
भा. रा. कडू : मेरी सभी रचनाएं मेरे स्वयं के अनुभवों पर आधारित है, इसलिए आप मान सकते हैं कि मेरी रचनाओं के लिए मेरा अनुभव ही प्रेरणा है।
indiBooks : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?
भा. रा. कडू : मेरे पसंदीदा लेखकों में भा. रा. तांबे और बहिणाबाई चौधरी हैं।
indiBooks : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें?
भा. रा. कडू : मैं यही सलाह देना चाहूंगा कि दर्जेदार लेखन करो, ताकि आपका साहित्य पाठकों को पसंद आए।
indiBooks : भा. रा. कडू जी, यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?
भा. रा. कडू : सुख शांति और समाधान बनाए रखिए, क्योंकि हम सब एक है।
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